Peacock Facts:- मोर पृथ्वी के सबसे सुंदर पक्षियों में से एक है. यह मध्यम आकार का रंगीन पक्षी है. मोर तीतर परिवार से संबंधित हैं. मोर का वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेटस है. मोर एशिया का मूल निवासी है जो मुख्यतः भारत और श्रीलंका, बर्मा में पाया जाता है.
हिंदू धर्म व भारतीय संस्कृति में मोर का अहम स्थान है. मोर को सभी पक्षियों में श्रेष्ठ माना जाता है. इसी वजह से इसे पक्षियों का राजा भी कहा जाता है.
मोर के बारे में हिंदू पौराणिक कथाओं में भी वर्णन मिलता है। पंख फैलाया हुआ मोर जहां शिव पुत्र कार्तिकेय का वाहन माना जाता है. वही भगवान कृष्ण का मुकुट भी मोर पंखों से बना हुआ है.
भारतीय इतिहास में भी मोर के महत्व के साक्ष्य मिलते हैं जैसे मौर्य साम्राज्य के समय मोर के चित्र वाले सिक्के. मुगल सम्राट शाहजहां के समय राज सिंहासन जिसे तख्त ए ताऊस कहां जाता था. ताऊस एक अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है मोर.
Peacock Facts
No.-1. मोर को वर्ष 1963 में भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था.
No.-2. 4.9 फीट अर्थात 1.5 मीटर के बड़े पंखों के साथ मोर धरती पर उड़ने वाले पक्षियों में सबसे बड़ा है.
No.-3. मुख्यतः मोर की 3 प्रजातियां पाई जाती हैं-भारतीय मोर, अफ्रीकी कांगो मोर और हरा मोर. यह तीनों प्रजातियां एशिया की मूल निवासी हैं. लेकिन आप इन्हें अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों में भी देख सकते हैं.
No.-4. सिर्फ पुरुष मोर को ही Peacock कहा जाता है. माता मोर को Peahens और बच्चों को Peachicks कहा जाता है. इन सभी के लिए सामूहिक शब्द Peafowl है.
No.-5. जन्म के समय मोर के चंदे नहीं होते हैं. चंदे केवल पुरुष मोर को आते हैं जो जन्म के 3 साल बाद शुरू होते हैं.
No.-6. एक मोर की पूछ में लगभग 150 चंदे हो सकते हैं.
No.-7. मोर अलग-अलग तरह की 11 आवाजें निकाल सकता है.
No.-8. नीला मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है जबकि धुमेला मोर म्यांमार का राष्ट्रीय पक्षी है.
No.-9. मोर 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ वह उड़ सकता है.
Facts of Peacock
No.-10. मोर को तैरना नहीं आता है क्योंकि इसके पास झल्लीदार पैर नहीं होते हैं.
No.-11. मॉल सर्वाहारी है अर्थात यह पौधे और जीव जंतु दोनों को खाता है.
No.-12. मोर हर साल अपने पुराने पंखों को छोड़ देता है.
No.-13. माता मोर आमतौर पर जनवरी और मार्च के बीच अंडे देती है. एक बार में यह तीन से छह अंडे देती है.
No.-14. मोरो के बारे में बाइबल में भी लिखा है कि राजा सुलेमान के जहाजों द्वारा एशिया से बाहर ले जाने वाली सबसे मूल्यवान वस्तुओं में से एक मोर थी.
No.-15. प्राचीन यूनानीयों का मत था कि मोरनी का शरीर उसकी मृत्यु होने के बाद भी नहीं सड़ता है, इसलिए मोरनी को अमरता का प्रतीक माना गया.
No.-16. सिकंदर मोर का बहुत शौकीन था. ऐसा कहा जाता है कि सिकंदर ही मोर को यूनान लेकर गया, जहां से मोर पूरे दुनिया में पहुंचे.
No.-17. भारत के सबसे बड़े विशाल साम्राज्य मौर्य साम्राज्य का राष्ट्रीय चिन्ह मोर था. चंद्रगुप्त मौर्य के राज्य में जो सिक्के चलते थे उनमें एक तरफ मोर का चित्र होता था.
No.-18. प्राचीन समय में मोर के पंख को स्याही में डुबो कर लिखा जाता था. आपने रामायण महाभारत आदि में बड़े-बड़े ऋषियों को लिखते समय देखा भी होगा.